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कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शुभ दिन माना जाता है, जिसे धर्म, अध्यात्म और आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। भक्तगण व्रत रखते हैं, गंगा स्नान करते हैं और दीपदान कर अपने जीवन को पवित्रता और सकारात्मकता से भरते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने और उनके व्रत का आयोजन करने से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु के "मत्स्य अवतार" के रूप में भी प्रसिद्ध है।
कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर 2024 को सुबह 6:19 बजे से प्रारंभ होकर 16 नवंबर 2024 को सुबह 2:58 बजे समाप्त होगी। इस दिन का महत्व केवल पूजा-अर्चना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसे धार्मिक यात्राओं और स्नान-दान के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है। कई जगहों पर गंगा नदी के किनारे मेलों का आयोजन होता है, जिसे "देव दीपावली" भी कहा जाता है। इस दिन जल में दीपदान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा का यह त्योहार भक्तों को धर्म, सेवा और परोपकार की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।